पं० दीनदयाल उपाध्याय जी (Pandit Deen Dayal Upadhyay ji) एक भारतीय विचारक, अर्थशाष्त्री, समाजशाष्त्री, इतिहासकार और पत्रकार थे उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी आइये जानते हैंं Biography of Pandit Deen Dayal Upadhyay in Hindi – पं० दीनदयाल उपाध्याय का जीवन परिचय
⇒पं० दीनदयाल उपाध्याय(Pandit Deen Dayal Upadhyay ji) का जन्म 25 सितम्बर 1912 को जयपुर जिले के धानक्या ग्राम में हुआ था इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय(Bhagwati Prasad Upadhyay) और माता रामप्यारी (Ram Pyari)धार्मिक वृत्ति की थीं
⇒पिता रेल्वे में जलेसर रोड स्टेशन पर सहायक स्टेशन मास्टर थे रेल की नौकरी होने के कारण उनके पिता का अधिक समय बाहर ही बीतता था। कभी-कभी छुट्टी मिलने पर ही घर आते थे
⇒3 वर्ष की मासूम उम्र में दीनदयाल पिता के प्यार से वंचित हो गये। पति की मृत्यु से माँ रामप्यारी को अपना जीवन अंधकारमय लगने लगा। वे अत्यधिक बीमार रहने लगीं। उन्हें क्षय रोग लग गया।
8 अगस्त 1924 को रामप्यारी जी का देहावसान हो गया। 7 वर्ष की कोमल अवस्था में दीनदयाल माता-पिता के प्यार से वंचित हो गये।
8 अगस्त 1924 को रामप्यारी जी का देहावसान हो गया। 7 वर्ष की कोमल अवस्था में दीनदयाल माता-पिता के प्यार से वंचित हो गये।
पढ़ाई में बचपन ही तेज दीन दयाल हाई स्कूल के लिए राजस्थान के सीकर चले गए. सीकर के महाराज ने दीन दयाल को पढ़ाई के लिए किताबें खरीदने के लिए 250 रुपये और 10 रुपये के स्कॉलरशिप की व्यवस्था की
यहां पर दीन दयाल उपाध्याय ने नानाजी देशमुख और भाऊ जुगाड़े के साथ पूरी तरह से आरएसएस के लिए काम किया. अपने एक रिश्तेदार के कहने पर सरकारी नौकरी की परीक्षा में दीन दयाल बैठे और परिणाम आने पर वह चयनित लोगों की वरीयता सूची में सबसे ऊपर थे. इसके बाद वह इलाहाबाद में बीटी करने चले गए.
इलाहाबाद में भी वह आरएसएस के लिए काम करते रहे और यहां से वह 1955 में लखीमपुर चले गए जहां पर पूरी तरह आरएसएस के लिए समर्पित हो गए.
लखनऊ में पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने राष्ट्र धर्म प्रकाशन की स्थापना की. यहां से पत्रिका राष्ट्र धर्म का प्रकाशन आरंभ किया. इसके बाद उन्होंने वर्तमान में आरएसएस का मुखपत्र पांचजन्य शुरू किया और इसके बाद स्वदेश नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया.
1950 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा दिया. तब 21 सितंबर 1951 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने यूपी में भारतीय जन संघ की स्थापना की थी.
पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी(DR. Shyama Prasad Mukherjee) से मिलकर 21 अक्टूबर 1951 को जन संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. 1968 में वह जन संघ के अध्यक्ष बने. इसके कुछ ही समय में 11 फरवरी 1968 को उनका देहांत हो गया.
पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी(DR. Shyama Prasad Mukherjee) से मिलकर 21 अक्टूबर 1951 को जन संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. 1968 में वह जन संघ के अध्यक्ष बने. इसके कुछ ही समय में 11 फरवरी 1968 को उनका देहांत हो गया.
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